साबरमती आश्रम में गाँधी जी के साथ एक दिन- 2 (One day in Sabarmati Ashram with Gandhi ji-2)

गाँधी जी की जिंदगी की से जुड़ी तस्वीरों की दूसरी किस्त आज पेश है। तस्वीरों के बारे में जानने के लिए स्लाइड शो में बाएँ क्लिक करें। आप चाहें तो शो की गति अपने मुताबिक भी कर सकते हैं।

गाँधी जी के शब्द

'' मेरी लोकतंत्र की कल्पना ऐसी है कि उसमें कमजोर से कमजोर को उतना ही मौका मिलना चाहिए जितना कि समर्थ को।... आजकल सारे विश्व में कोई भी देश आश्रयदाता की नजर के बिना निर्बलों को देखता ही नहीं। ... पश्चिम के लोकतंत्र का जो स्वरूप आज विद्यमान है वह ... हलका फासीवाद जैसा है। ... सच्चा लो‍कतंत्र केन्द्र में बैठकर राज्य चलाने वाले बीस इन्सान नहीं चला सकते, वह तो प्रत्येक गाँव के हर इन्सान को चलाना पड़ेगा।'' 

'' (साबरमती) आश्रम जातिभेद नहीं मानता। आश्रम का मानना हे कि जातिभेद से हिन्दू धर्म को नुकसान हुआ है।''

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