भोमियो की मदद करें
भोमियो पर उर्दू से हिन्दी लिप्यंतरण की प्रक्रिया चल रही है। उस प्रक्रिया में भोमियो को आपकी मदद की जरूरत है। भोमियो पर कुछ दिनों पहले उर्दू से हिन्दी लिप्यंतरण की पहल शुरू हुई है। उर्दू के शब्द विन्यास को देखते हुए यह जटिल काम था फिर भी जिस मेहनत से भोमियो ने यह काम किया, वह काबिले तारीफ है। इस शुरुआती कोशिश में जाहिर है, ढेर सारी चीजें छूट गयी हैं।
भोमियो ने हार न मानते हुए, उसे और बेहतर करने की कोशिश शुरू कर दी है। इसमें उन्हें उन सब लोगों के साथ की जरूरत है, जो उर्दू-हिन्दी पढ और समझ लेते हैं। भोमियो ने अपनी वेबसाइट पर उर्दू अल्फाज की एक लम्बी फेहरिस्त दी है साथ में उसका हिन्दी रूप, जो भोमियो ने लिप्यंतरित किया है, उसकी फेहरिस्त भी साथ में दी गयी है। आपको यह बताना कि यह लिप्यंतरण कैसा है यानी ठीक है ...गलत है... या सही क्या होगा। उसी आधार पर नया कैरेक्टर मैप तैयार करने की कोशिश होगी। उर्दू में एक बडी दिक्कत मात्राओं को लेकर है। उर्दू में मात्राओं को लिखने की परम्परा खत्म सी हो गयी है। इसलिए शब्द 'इस' है या 'उस' या फिर किसी शब्द में 'खु' है या 'खू' यह अंदाजा लगाना पाठक की अपनी जानकारी पर निर्भर रहता है। और जब पाठक मशीन हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह जो पढेगा, उसके लिए कितनी मुश्किल होगी। यही नहीं कई शब्दों के साथ भी दिक्कत है। हिन्दी में उन सब के लिए एक ही अक्षर इस्तेमाल होगा। इन जटिलताओं के बावजूद यह काम हो रहा है, इसकी जितनी तारीफ की जाये कम है।
अभय भाई जैसे कई दोस्त हैं, जिनका उर्दू, हिन्दी पर अच्छा अधिकार है। उन दोस्तों को चाहिए कि अपने व्यस्त कार्यक्रम में से थोडा वक्त निकालकर इसे बेहतर करने में भोमियो की मदद करें। यहां क्लिक करें। यह प्रसव पीडा है। अगर हम भोमियो की मदद को आगे आयें तो पीडा सहने में उन्हें आसानी होगी।
भोमियो ने हार न मानते हुए, उसे और बेहतर करने की कोशिश शुरू कर दी है। इसमें उन्हें उन सब लोगों के साथ की जरूरत है, जो उर्दू-हिन्दी पढ और समझ लेते हैं। भोमियो ने अपनी वेबसाइट पर उर्दू अल्फाज की एक लम्बी फेहरिस्त दी है साथ में उसका हिन्दी रूप, जो भोमियो ने लिप्यंतरित किया है, उसकी फेहरिस्त भी साथ में दी गयी है। आपको यह बताना कि यह लिप्यंतरण कैसा है यानी ठीक है ...गलत है... या सही क्या होगा। उसी आधार पर नया कैरेक्टर मैप तैयार करने की कोशिश होगी। उर्दू में एक बडी दिक्कत मात्राओं को लेकर है। उर्दू में मात्राओं को लिखने की परम्परा खत्म सी हो गयी है। इसलिए शब्द 'इस' है या 'उस' या फिर किसी शब्द में 'खु' है या 'खू' यह अंदाजा लगाना पाठक की अपनी जानकारी पर निर्भर रहता है। और जब पाठक मशीन हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह जो पढेगा, उसके लिए कितनी मुश्किल होगी। यही नहीं कई शब्दों के साथ भी दिक्कत है। हिन्दी में उन सब के लिए एक ही अक्षर इस्तेमाल होगा। इन जटिलताओं के बावजूद यह काम हो रहा है, इसकी जितनी तारीफ की जाये कम है।
अभय भाई जैसे कई दोस्त हैं, जिनका उर्दू, हिन्दी पर अच्छा अधिकार है। उन दोस्तों को चाहिए कि अपने व्यस्त कार्यक्रम में से थोडा वक्त निकालकर इसे बेहतर करने में भोमियो की मदद करें। यहां क्लिक करें। यह प्रसव पीडा है। अगर हम भोमियो की मदद को आगे आयें तो पीडा सहने में उन्हें आसानी होगी।
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