आंसू तो झूठ नहीं बोल सकते

श्रावस्ती के गांव धंधीडीह की औरतों की गुहार सुनने वाला कोई नहीं है। पांच दिन बीत गये हैं और सरकारी अमले के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। उनके जख्‍़म पर मरहम लगाना तो दूर उन्‍हें झूठा साबित करने की हर कोशिश की जा रही है। काफी हंगामे के बाद रविवार को पीडि़तों का बयान लेने अधिकारी गांव पहुँचे हैं।

ताज़ा जानकारी के मुताबिक जब लड़का और लड़की अपनी मर्जी से शादी करने के लिए कहीं चले गये तो बिना किसी एफआईआर के पुलिस 20-25 मुसलमान लड़कों को गांव से उठा लाई। पुलिस ने उन युवकों के साथ क्‍या किया होगा, यह समझा जा सकता है। इस घटना के दूसरे ही दिन, गांव पर हमला होता है और पुलिस तमाशबीन बनी रहती है।

आज भी रेंज के डीआईजी यही कह रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ है। स‍रकार के एक मं‍त्री और उसके समर्थकों के पक्ष में पुलिस की ऐसी लामबंदी, मायावती सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।

श्रावस्‍ती से लौटकर आये स्‍टार न्‍यूज के संवाददाता रविकांत से जब मैंने पूछा कि डीआईजी तो बलात्‍कार से ही इनकार कर रहे हैं, तो उनका कहना था, 'मैं तीन दिन बाद घटना स्‍थल पर पहुँचा था। मुझे ढेर सारी औरतों ने घेर लिया। वे अपने साथ हुए हादसे के बारे में बताते बताते फफक पड़ रही थीं। हर आँख से आंसू बह रहा था। आप बताइये किसी झूठ बात पर ऐसा हो सकता है। मैं इसे झूठ नहीं मानता। आंसू तो झूठ नहीं बोल सकते।'

कितने औरतों के साथ दुराचार हुआ, यह अब भी तय नहीं है। लेकिन 16-17 औरतों ने लिखित शिकायत की है और लोगों का कहना है कि यह संख्‍या और ज्‍यादा है।

रविकांत को औरतों ने बताया कि एक एक के साथ दस दस लड़कों ने अपना मुँह काला किया। जवान लड़कियों को दूर-दूर तक नंगा घुमाया गया। मैंने उनसे फिर सवाल किया कि इस घटना की किसी और ने तस्‍दीक की है। तो उनका कहना था कि एक ऐसे आदमी ने इस घटना के बारे में उन्‍हें बताया जो उस गांव का नहीं है और जो इन लोगों से जुड़ा भी नहीं है।

मेडिकल रिपोर्ट के बारे में उन्‍हें बताया गया कि 'नो स्‍पर्म वाज़ फाउंड'। रविकांत का सवाल है कि 50 घंटे बाद स्‍पर्म के निशान कहां मिलेंगे। उनके मुताबिक पुलिस ने जानबूझ कर हीलाहवाली की है।

ये सभी काफी गरीब है। इनका जो कुछ भी था, सब खत्‍म हो चुका है। देखना है कि एक महिला मुख्‍यमंत्री, सामाजिक न्‍याय का दावा करने वाली सरकार इनके सम्‍मान, अस्मिता की हिफाज़त के लिए अब भी कुछ करती है या नहीं।

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