संदेश

जुलाई, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुलजार की नज्‍म 'सूर्य ग्रहण'

कल सुबह सूर्य ग्रहण है। पूर्ण सूर्य ग्रहण। खग्रास सूर्य ग्रहण। खास चश्‍मा पहनें और यह अद्भुत खगोलीय घटना जरूर देखें। तब तक गुलजार साहब की यह नज्‍म पर पढ़ें- 'सूर्य ग्रहण' कॉलेज के रोमांस में ऐसा होता था/ डेस्क के पीछे बैठे-बैठे/ चुपके से दो हाथ सरकते धीरे-धीरे पास आते... और फिर एक अचानक पूरा हाथ पकड़ लेता था, मुट्ठी में भर लेता था। सूरज ने यों ही पकड़ा है चाँद का हाथ फ़लक में आज।। गुलजार