आतंकवाद का हिन्दुत्ववादी (हिन्दू नहीं) चेहरा (Hindutava terror)
क्या वाकई हम सब, पुलिस और खुफिया निजाम आतंकवाद से लड़ना चाहते हैं। अगर हाँ, तो वक्त आ गया है कि आँख में आँख डालकर सच कहने और सुनने की हिम्मत पैदा करें। पिछले कई पोस्ट में ढाई आखर से यह मुद्दा उठता रहा है कि आतंकवाद को किसी खास मजहब या खास समुदाय या खास नामधारियों के मत्थे मढ़ने से काम नहीं चलेगा। इससे आतंकवाद खत्म नहीं किया जा सकता। लेकिन जब पूरा का पूरा निजाम, खासतौर पर पुलिस और खुफिया एजेंसियाँ और उनकों वैचारिक खाद-पानी देतीं, हिन्दुत्ववादी पार्टियाँ (हिन्दूवादी नहीं) हों तो हर जाँच एक खास चश्मे से ही की जाएगी। इसी मायने में इंडियन एक्सप्रेस की आज की एक खबर हंगामा मचाए है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ईद के ठीक पहले मालेगाँव और मोदासा में हूए बम धमाकों में हिन्दुत्ववादी संगठनों के हाथ होने की खबर है। खबर कहती है कि इंदौर के एक हिन्दुत्ववादी संगठन हिन्दू जागरण मंच इन धमाकों के पीछे है। धमाका करने वालों का रिश्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से है। इसके कई कार्यकर्ताओं से पूछताछ की जा रही है। (खबर पढ़ने के लिए चित्र पर क्लिक करें।) हमेशा की तरह धमाकों के तुर